ग्लोब
पृथ्वी की विशालता के कारण हम पृथ्वी का बहुत छोटा सा ही भाग देख पाते हैं जो कि छपता दिखाई देता है हजारों वर्षों तक लोग पृथ्वी को चपटा समझते रहे परंतु आज हमारे पास अंतरिक्ष से खींचे जय पृथ्वी के अनेक चित्र उपलब्ध है जिससे स्पष्ट है कि को पृथ्वी गोल है पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए हम ग्लोब का प्रयोग करते हैं।
ग्लोब
ग्लोब पृथ्वी का छोटा सा गोलाकार नमूना है। या महाद्वीपों, नगरो और नदियों और महानगरों को प्रदर्शित करता है।विभिन्न महाद्वीपों देशों और महानगरों की सीमाएं रेखाओं ग्लोब द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं पृथ्वी के धरातल पर सात महाद्वीप है उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अफ्रिका ,एशिया, यूरोप ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका महाद्वीप भूमि के बहुत बड़े भाग हैं जल के बहुत बड़े भाग महासागर कहते हैं। महासागर प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर हिंद महासागर और आर्कटिक महासागर ग्लोब पर हम उनको और महानगरों को देख सकते हैं और उनके आकार की तुलना कर सकते हैं तथा विभिन्न देशों की एक दूसरे से निकटता दूरी भी ज्ञात कर सकते हैं।
उत्तरी ध्रुव गुलाब का सबसे ऊपर वाला बंद है दक्षिणी ध्रुव ध्रुव का सबसे नीचे वाला बिंदु है पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है दूरी किसी वास्तविक या काल्पनिक रेखा को कहते हैं जिसके चारों ओर कोई वस्तु घूमती है पृथ्वी की दूरी एक दूसरे दूसरे दूर तक पृथ्वी के बीचो-बीच गुजरने वाली काल्पनिक सीधी रेखा है एक समय में हम लोग का कुछ भाग ही देख पाते हैं अन्य भागों को देखने के लिए हमें ग्लोब को घुमाना पड़ता है।
ग्लोब पर अनेक वृत्ताकार और अर्धवृत्तकार रेखाएं हैं जो विभिन्न स्थानों की स्थिति जानने के लिए खींची गई है दोनों देशों के मध्य में एक वृत्त खींचा गया है इसे विश्व हो तो तेरा रेखा कहते हैं या पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटा है ऊपर के आधे भाग को तेरी गोरा तथा नीचे के आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं।
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