संदेश

सितंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अंक पत्र संशोधन पर सीधे बात करेगा परीक्षार्थी से यूपी बोर्ड

  अंक पत्र संशोधन पर सीधे बात करेगा परीक्षार्थी से यूपी बोर्ड। अंकपत्र संशोधन प परीक्षार्थी सीधे बात करेगा बोर्ड प्रयागराज हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के अंकपत्र प्रमाणपत्रों में त्रुटि संशोधन प्रदेश भर में लंबित 59860 मामलों का निस्तारित करा के बाद यूपी बोर्ड अब नए मामले भी लंबित नहीं रहने देगा। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्याकांत शुक्ला का मानना है कि त्रुटि में संशोधन के लिए दूर जिलों से क्षेत्रीय कार्यालय तक विद्यार्थी व उनके अभिभावक परेशान होते हैं। इस परेशानी को 'खत्म करने के लिए संशोधन की प्रक्रिया आनलाइन की जा रही है, ताकि किसी को क्षेत्रीय कार्यालय न आना पड़े। इसके साथ ही संशोधन के लिए आवेदन करने वाले परीक्षार्थी उनके मोबाइल नंबर पर यूपी बोर्ड से सीधे बात कर परखा आएगा कि निस्तारण में कोई अड़चन तो नहीं आई।

वसुदेवकुटुम्बकम का पूरा श्लोक अर्थ सहित।

चित्र
वसुदधैव कुटुंबकम।।vasuddhaiva kutumbakam  आप सभी ने हाल ही में हुए जी-20 समिति में वसुदेव कुटुंबकम आपने देखा हुआ जरूर देखा होगा। और भारत के नए संसद भवन में भी यह प्रवेश द्वार पर लिखा हुआ है। क्या आपको इसका पूरा श्लोक पता है। अगर नहीं पता है तो हर इस आर्टिकल में आप पढ़ पाएंगे। वसुदधैव कुटुंबकम किस उपनिषद से लिया गया है? यह श्लोक महा उपनिषद से लिया गया है यह उपनिषद् के छठे अध्याय 74वें शोक में आता है यह उपनिषद् ऋग्वेद से जुड़ा है वसुदेव कुटुंबकम का पूरा श्लोक और इसका भावार्थ। अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम् । उदार चरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम् ।। भावार्थ :- यह मेरा है, या पराया है, इस प्रकार की गणना लघु चरित्र वाले लोग करते हैं उधर चरित्र वाले मनुष्य के लिए तो पूरी पृथ्वी ही कुटुंब है अर्थात परिवार है। शब्दकोश   अयं — यह निज: — अपना परो वा — या पराया गणना — गिणती लघुचेतसाम् — छोटे दिल वालों की उदारचरितानाम् — उदार , बड़े , महान दिल वालों के वसुधैव — पृथ्वी ही कुटुंबकम् — परिवार इन आर्टिकल्स को भी पढ़ें  गीता के श्लोक लाल बहादुर शास्त्री daily current affairs

अनंत चतुर्दशी

चित्र
  अनंत चतुर्दशी, एक हिन्दू त्योहार है जो भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु की पूजा और भगवद गीता के उपदेश को याद करने के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अनंत के साथ व्रत रखते हैं और अनंत प्रेम का संकेत देने के लिए सोने के लूट की माला प्राप्त करते हैं। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के आखिरी भद्रपद मास के द्वादशी और चतुर्दशी के बीच मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? अनंत चतुर्दशी का त्योहार मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा और भगवद गीता के उपदेश को याद करने के रूप में मनाया जाता है। इसका महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त परमालया को अनंत का दर्शन कराया और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति की वरदान दिया था। इस तिथि को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है क्योंकि "अनंत" शब्द का अर्थ होता है "अनंतकाल" यानी अनंतकाल तक का अर्थात् मोक्ष का प्राप्त होना। इस दिन लोग अनंत प्रेम और सामर्पण का प्रतीक मानते हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इसके अलावा, अनंत चतुर्दशी को पितृ पूजा के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें पितृग

स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) , स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणी

चित्र
स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) एक प्रमुख ब्रिटिश थ्योरेटिकल फिजिकिस्ट थे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण ग्रविटेशनल फिजिक्स और कॉस्मोलॉजी के क्षेत्र में अपने योगदान से मशहूरी प्राप्त की उनकी जीवनी: स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को लंडन, इंग्लैंड में हुआ था। हॉकिंग को 21 वर्ष की आयु में अमियबा मोटर न्यूरॉन डिसीज का डायग्नोसिस लगा, जिससे उनकी शारीरिक स्थिति लगातार बिगड़ती रही, और वे वीलचेयर का इस्तेमाल करने लगे।उनकी पुस्तक "A Brief History of Time" विश्व भर में बहुत प्रसिद्ध हुई और वे अपनी कमजोरी के बावजूद विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान करते रहे। स्टीफन हॉकिंग एक बहुत ही रोचक व्यक्ति थे, जिनके बारे में कुछ रोचक बातें निम्नलिखित हैं: वैज्ञानिक जीवन: हॉकिंग ने अपने वैज्ञानिक जीवन में कई महत्वपूर्ण अविष्कार किए, लेकिन उनका सबसे प्रमुख काम "ब्लैक होल" के बारे में था। उन्होंने ब्लैक होल्स के बारे में नई सोच और सिद्धांत प्रस्तुत किए और ब्लैक होल्स के विस्तार अध्ययन के माध्यम से अपना नाम विश्व परम्परागत भौतिकी में किया। ALS के साथ जीवन: हॉकिंग के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्

इस बार यूपी बोर्ड पेपर में जरूर पूछा जाएगा यह प्रश्न एक बार जरूर पढ़ें

 इस बार यूपी बोर्ड पेपर में आने इस प्रश्न के आने की संभावना ज्यादा है। इसलिए इस प्रश्न को जरूर याद कर लें। यूपी बोर्ड की तैयारी कर रहे बच्चे व्हाट्सएप ग्रुप में जरूर जुड़े Join down  Join watsapp group प्रश्न है महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए तीन आंदोलन का वर्णन कीजिए? असहयोग आन्दोलन महात्मा गांधी ने भारतीय राजनीति में प्रवेश ब्रिटिश सरकार के सहयोगी के रूप में किया था, क्योंकि उन्हें ब्रिटिश सरकार की ईमानदारी व न्यायप्रियता में विश्वास था, परन्तु वर्ष 1919 में भारत में अनेक ऐसी घटनाएं घटी, जिन्होंने गांधीजी को ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आन्दोलन प्रारम्भ करने के लिए विवश किया। इन घटनाओं में वर्ष 1919 का दमनकारी रॉलेट एक्ट, जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड आदि घटनाएँ प्रमुख थी।  सविनय अवज्ञा आन्दोलन सविनय अवज्ञा का अर्थ विनम्रतापूर्वक आहा या कानून की अवहेलना करना है। सविनय अवज्ञा गांधीजी के आन्दोलनों की विशेषता रही है। इसके अन्तर्गत विनम्र तथा अहिंसक होकर सरकारी कानूनों का उल्लंघन किया जाता है। वर्ष 1930 में महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया था। इसके लिए उन्होंने नमक सत्याग्रह क

जानिए क्या है 84 कोसी यात्रा और हर व्यक्ति को क्यों करनी चाहिए यह यात्रा..??

  84 कोसी यात्रा और हर व्यक्ति को क्यों करनी चाहिए यह यात्रा? वेद-पुराणों में ब्रज की 84 कोस की परिक्रमा का बहुत महत्व है, ब्रज भूमि भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी शक्ति राधा रानी की लीला भूमि है।  इस परिक्रमा के बारे में वारह पुराण में बताया गया है कि पृथ्वी पर 66 अरब तीर्थ हैं और वे सभी चातुर्मास में ब्रज में आकर निवास करते हैं। करीब 268 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग में परिक्रमार्थियों के विश्राम के लिए 25 पड़ावस्थल हैं। इस पूरी परिक्रमा में करीब 1300 के आसपास गांव पड़ते हैं। कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी 1100 सरोवरें, 36 वन-उपवन, पहाड़-पर्वत पड़ते हैं। बालकृष्ण की लीलाओं के साक्षी उन स्थल और देवालयों के दर्शन भी परिक्रमार्थी करते हैं, जिनके दर्शन शायद पहले ही कभी किए हों। परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं को यमुना नदी को भी पार करना होता है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मैया यशोदा और नंदबाबा के दर्शनों के लिए सभी तीर्थों को ब्रज में ही बुला लिया था। 84 कोस की परिक्रमा लगाने से 84 लाख योनियों से छुटकारा पाने के लिए है..परिक्रमा लगाने से एक-एक कदम पर जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों

ट्रैफिक पुलिस रंजीत कुमार सिंह जब बच्चों की मदद की

चित्र
 ट्रैफिक पुलिस के इस सिपाही का नाम रंजीत सिंह यादव है। 2 बच्चे रोड क्रॉस कर रहे थे सिग्नल बंद था बच्चे के पाँव जल रहे थे।  बच्चे ने कहा- सर पाँव जल रहे हैं, रोड क्रॉस करवा दो, रंजीत ने कहा- जब तक ट्रैफ़िक रुकता नहीं मेरे पैर पर पैर रख लो" सिपाही रंजीत सिंह जी ने अपने फ़ेसबुक पर लिखा है- जैसे ही उस बच्चे ने मेरे पैरों पर पाँव रखा, मुझे ऐसा लगा जेसे भगवान ने मेरे ऊपर पाँव रख दिए। मैंने चप्पल ख़रीद के दे तो दीं पर आज का ये अहसास ज़िंदगी भर याद रहेगा...!
वैज्ञानिक अविष्कार गैलीलियो जड़त्व का नियम सर आइजक न्यूटन गति के नियम, सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण के नियम, परावर्तक दूरदर्शी डेनियल बरनौली द्रवो के प्रवाह की बरनौली प्रमेय तथा गैसों का गतिक सिद्धांत रॉबर्ट बाँयल बॉयल का नियम केल्विन ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम, परम स्केल आर्कमिडीज आर्कमिडीज का सिद्धांत, उत्तोलक के नियम उत्प्लावन का नियम थॉमस यंग प्रकाश का व्यतिकरण

गणेश जी के अवतारों के बारे में पढ़ें

चित्र
 देशभर में इस समय गणेश उत्सव की धूम है। विष्णु जी और शिव जी की तरह ही भगवान गणेश ने भी अलग-अलग असुरों को खत्म करने के लिए कई अवतार लिए थे। जनिए गणेश जी के अवतार और उनसे जुड़ी खास बातें आज के इस आर्टिकल में पढ़ेंगे। इंस्टाग्राम पर हमें फॉलो करें ⤵️⤵️                           Follow हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े ⤵️                                 Join गणेश जी की अवतारों के बारे में महोदर अवतार मोहासुर नाम का एक राक्षस था जिसने देवताओं को पराजित कर दिया था और स्वर्ग लोक पर अपना अधिकार जमा लिया था । तब सभी देवता उसे अक्षर से परेशान होकर गणेश जी के पास पहुंचे गणेश जी ने उसे रक्षा का वध करने के लिए महोदय अवतार धारण किया। वक्रतुंड अवतार मत्सरासुर नाम का रक्षा भगवान शिव का परम भक्त था। इस राक्षस ने अपने पुत्रों  सुंदरप्रिय और विषयप्रिय के साथ मिलकर देवताओं को राजित कर दिया फिर विघ्नहर्ता गणेश जी ने वक्रतुंड अवतार धारण करके  मत्सरासुर  और और उसके पुत्रों का वध किया। एकदंत अवतार जब मद नाम के राक्षस ने आतंक मचाया तो गणेश जी ने एक दांत अवतार धारण किया और उसे मद नाम के रक्षा का वध किया। विकट अ

कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान रिवीजन टेस्ट

कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान की बेहतरीन तैयारी के लिए अभी ये किताब खरीदे ।⬇️                  Buy now Loading…

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक

चित्र
  राष्ट्रीयता भारतीय राष्ट्रीय भाषा देवनागरी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा राष्ट्रीय चिन्ह अशोक के सिंह स्तंभ की शीर्ष की अनुकृति राष्ट्रीय गान जन गण मन रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखित राष्ट्रीय वाक्य सत्यमेव जयते राष्ट्रीय भाषा हिन्दी राष्ट्रीय पंचांग शक सम्वत् राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी ,15 अगस्त, 2 अक्टूबर राष्ट्रीय मुद्रा रुपया राष्ट्रीय पशु बाघ राष्ट्रीय वृक्ष वट वृक्ष राष्ट्रीय पक्षी मोर राष्ट्रीय अभिवादन नमस्कार राष्ट्रीय खेल हाँकी राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी राष्ट्रीय फल आम राष्ट्रीय पुष्प कमल राष्ट्रीय सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न राष्ट्रीय नदी गंगा राष्ट्रीय ग्रंथ गीता राष्ट्रीय सूचना श्वेत पत्र राष्ट्रीय ध्वज गीत हिंद देश का प्यारा झंडा राष्ट्रीय योजना पंचवर्षीय योजना राष्ट्रीय नारा श्रमेव जयते राष्ट्रीय मिठाई जल

यांत्रिक घड़ी

  यह आट्रिकल हिंदी में यांत्रिक घड़ी के बारे में है, और इसमें उसके महत्वपूर्ण पहलू, कार्यक्रम, और विकास के विषय में जानकारी होगी। यांत्रिक घड़ी: वक्त के साथ के साथ यांत्रिक घड़ी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। यह एक उपकरण होता है जो समय को मापता है और हमें हमारे दिनचर्या को व्यवस्थित रूप से चलाने में मदद करता है। इस लेख में, हम यांत्रिक घड़ी के बारे में विस्तार से जानेंगे। प्रस्तावना : यांत्रिक घड़ी का उपयोग समय की गणना के लिए किया जाता है, और यह एक इंजीनियरिंग चमकदारी का उदाहरण है। यांत्रिक घड़ी का कार्यक्रम: यांत्रिक घड़ी का कार्यक्रम वक्त की समय एक निश्चित इंटरवल में मापन करने के लिए तय किया जाता है। इसमें वर्षा, मौसम, और अन्य पैरामीटर्स को ध्यान में रखा जाता है। तकनीकी विवरण: यांत्रिक घड़ी में एक महत्वपूर्ण घड़क मोटर, स्प्रिंग्स, और एक टाइम स्केल शामिल होता है। यह तकनीकी विवरण समय के साथ कैसे काम करता है को स्पष्ट करता है। इतिहास और विकास : यांत्रिक घड़ी का विकास इतिहास में महत्वपूर्ण रहा है। यह जानकारी के रूप में इसका प्राचीनतम उपयोग और प्रेरणा स्रोतों के बारे में चर्चा