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आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय और उनकी रचनाएं

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  आचार्य रामचंद्र शुक्ल   निष्पक्ष इतिहासकार सफल अनुवादक और महान शैलीकार थे । यह हिंदी भाषा के उच्च कोटि के निबंधकार एवं  समालोचक के रूप में भी विख्यात हैं। हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्य का गुलाब राय ने हिंदी साहित्य मेंआचार्य रामचंद्र शुक्ल का स्थान निर्धारित करते हुए लिखा है "यह बात निर्विवाद रूप से सत्य है की गद्य साहित्य और विशेषतः निबंध साहित्य की प्रतिष्ठा बढ़ाने में शुक्ला जी का आदित्य है उपन्यास साहित्य में जो स्थान मुंशी प्रेमचंद जी का है वही स्थान निबंध साहित्य में आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।" जीव न परिचय

विज्ञान क्या है? | विज्ञान के कितने प्रकार है? - keep reading

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विज्ञान क्या है? | विज्ञान के कितने प्रकार है? - keep reading विज्ञान कई लोगों का पसंदीदा विषय है पर कई सारे लोग विज्ञान कितने भागों में विभाजित है इस बात को नहीं जानते हैं आज हम इसी बारे में पढ़ेंगे। Science विभिन्न प्रकार की शाखाओं में विभाजित होता है, जैसे कि भौतिक विज्ञान (Physics), रसायन शास्त्र (Chemistry), जीव विज्ञान (Biology), गणित (Mathematics), भूगोल (Geography), आदि। इनमें से हर एक शाखा विभिन्न प्रकार की जानकारी और अध्ययन के साथ आती है। भौतिकीशास्त्र (Physics): प्राकृतिक घटनाओं और बुनियादी धारणाओं का अध्ययन करता है, जैसे कि गति, ऊर्जा, बालविद्युत, आदि। रसायनशास्त्र (Chemistry): तत्वों के संरचना, गुणधर्म, रिएक्टिविटी, और अणुओं के मिश्रणों का अध्ययन करता है। जीवविज्ञान (Biology): जीवों की संरचना, उनके कार्य, जीवों के विकास, और जीवों की विविधता का अध्ययन करता है। गणित (Mathematics): संख्याओं, संरेखाओं, और निरूपणों की अध्ययन करता है और यह विभिन्न गणितीय तरीकों का अध्ययन भी करता है। भूगोल (Geography): पृथ्वी की स्थिति, संरचना, वायुमंडल, जलवायु, और उनके

ओणम का त्यौहार कब क्यों और कहां मनाया जाता है?

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  ओणम , केरल राज्य में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि के प्रति आभार व्यक्त करना है। यह त्योहार चिंतामणि महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है और यह चिंतामणि महोत्सव के आयोजन से संबंधित है, जो मलयालम मासमार्गशिर्ष (नवम्बर-दिसम्बर) में मनाया जाता है। ओणम का उद्याननंदन (अन्दरबन्दन) भी कहा जाता है। इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है पुक्कल कालं, जिसमें लोग खुदरा पूजन के लिए विविध रंगों की फूलों से रची गई पुक्कल (फूलों की श्रृंगारिक रचना) बनाते हैं। इसके साथ ही, ओणम की परंपरागत नृत्य प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न गीत भी गाए जाते हैं, जो त्योहार की आत्मा को दर्शाते हैं। ओणम का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा साद्या (अल्ल ओणम) है, जिसमें विशेष रूप से बनाए गए साद्या सागर नामक व्यंजन को खाया जाता है। यह एक परंपरागत मलयालम थाली होती है, जिसमें अनेक प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होते हैं। ओणम का त्योहार आदिकाल से ही मनाया जाता आया है और यह किसानों के लिए खरिफ प्रमुख फसलों की पूजा होती है, जिससे उन्हें अच्छी फसल और सुरक्षित मौसम की कामना की जाती ह

भारत में पहली हवाई जहाज कब चली थी ?

भारत में पहली हवाई जहाज कब चली थी ? भारत में पहली हवाई जहाज कब चली थी ? विश्व में पहली हवाई जहाज " राइट ब्रदर्स " विलबर और ओरविल राइट द्वारा बनाई और उड़ाई गई थी, और यह उड़ान 17 दिसम्बर 1903 को हर्थ किलो बीच, कैरोलाइना, अमेरिका में हुई थी। यह घटना हवाई उड़ान की नींव रखने वाली घटना मानी जाती है, जो आगामी वर्षों में उड़ान के क्षेत्र में क्रांति लाई। भारत में पहली हवाई जहाज का नाम ' हूबर्ड बिर्ड ' था और यह 18 फरवरी 1911 को आलाहाबाद (अब प्रयागराज) में उड़ान भरती थी। इस उद्घाटन उड़ान को जे.एच. ताटा ने पायलट किया था, जो बाद में भारतीय एविएशन के पिता के रूप में मान्यता प्राप्त किया। इस इतिहासकारी पल के बाद, भारत में हवाई यातायात का संचालन आरंभ हुआ और हवाई यात्रा ने देश के परिवहन सेक्टर को नई दिशा देने का काम किया।

भगवान विष्णु को कमलनयन क्यों कहा जाता है?

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 भगवान विष्णु के कमलनयन कहे जाने की कथा "कमलनयन " शब्द का उपयोग भगवान श्रीकृष्ण के विविध संस्कृतिक और धार्मिक अभिवादनों में किया जाता है। यह शब्द उनके आदर्शवान और सुंदर आँखों की स्तुति के रूप में प्रयुक्त होता है। यह शब्द उनकी आंखों की सुंदरता, माधुर्य और शक्ति को संकेतित करता है।भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिव्य और चमत्कारी था, और उनकी आँखों की सुंदरता और आकर्षण की कहानियां पुराने पौराणिक ग्रंथों में मिलती हैं। इन ग्रंथों में श्रीकृष्ण की आँखों को " कमलनयन "  के रूप में वर्णित किया गया है, जिससे उनकी दिव्यता और माधुर्य का संकेत मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र, व्यक्तित्व और लीलाएं उनके भक्तों के बीच एक गहरे संबंध की बुनाई करती हैं, और उनकी आँखों की अत्यंत माधुर्य इस बात का प्रतीक होती है कि वे हमें आनंद, प्रेम और शांति की ओर ले जाने वाले दिव्य मार्ग के प्रतिष्ठान हैं।इस प्रकार, " कमलनयन " शब्द भगवान श्रीकृष्ण के सुंदर आँखों की महत्वपूर्ण विशेषता को दर्शाता है और उनके भक्तों के दिल में उनके प्रति भक्ति और स्नेह की भावना को उत्तेजित करता है। " श्री ह

क्रैश होकर चन्द्रमा पर गीरा लूना 25

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लूना-25 मास्को, एपी : चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत से पहले पहुंचने का रूस का सपना चकनाचूर हो गया है। 47 साल बाद लांच किया गया उसका चंद्रमा मिशन लूना-25 नाकाम हो गया है। इससे पहले पूर्व सोवियत संघ के दौरान 1976 में लूना-24, लांच किया गया था।     रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को बताया कि उसका रोबोट लैंडर लूना - 25 यान अनियंत्रित कक्षा में जाने के बाद चंद्रमा से टकराकर क्रैश हो गया है। लूना-25 में शनिवार को कक्षा बदलते समय तकनीकी खामी आने के बाद यान से अंतरिक्ष एजेंसी का संपर्क टूट गया था। इस कारण कक्षा नहीं बदली जा सकी थी। लूना-25 को सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी. ध्रुव पर उतरना था। रोस्कोस्मोस ने कहा कि लूना-25 अभियान के असफल होने के कारणों की जांच के लिए विशेष अंतर-विभागीय आयोग का गठन किया गया है। लूना-25 को मास्को के समय के अनुसार 10 अगस्त को रूस के वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से लांच किया गया था। मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सुरक्षित तरीके से उतरने की तकनीक को और बेहतर करना था ।  लूना -25 की लांचिंग को यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर पश्चिम की ओर से लगे प्रतिबंध के ज

भारतेंदु हरिश्चंद्र जी का जीवन परिचय

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  भारतेंदु हरिश्चंद्र का जीवन परिचय आधुनिक हिन्दी साहित्य के जन्मदाता भारतेन्दु हरिश्चन्द्र इतिहास-प्रसिद्ध सेठ अमीचन्द के प्रपौत्र गोपालचन्द्र ‘ गिरिधरदास ’ के ज्येष्ठ पुत्र थे। इनका जन्म 9 सितम्बर, सन् 1850 ई0 को काशी में हुआ था। मात्र पाँच वर्ष की अवस्था में माता पार्वती देवी तथा दस वर्ष की अवस्था में पिता गोपालचन्द्र के सुख से यह वंचित हो गये। विमाता मोहन बीबी का इन पर विशेष प्रेम न होने के कारण इनके पालन-पोषण का भार कालीकदमा दाई और तिलकधारी नौकर पर था। पिता की असामयिक मृत्यु के बाद क्वीन्स कालेज, वाराणसी में तीन-चार वर्ष तक अध्ययन किया। उस समय काशी के रईसों में केवल राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' ही अंग्रेजी पढ़े-लिखे थे। इसलिए भारतेन्दु जी अंग्रेजी पढ़ने के लिए उनके पास जाया करते थे और उन्हें गुरु-तुल्य मानते थे। कालेज छोड़ने के बाद इन्होंने स्वाध्याय द्वारा हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी के अतिरिक्त मराठी, गुजराती, बंगला, मारवाड़ी, उर्दू, पंजाबी आदि भारतीय भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। तेरह वर्ष की अल्पावस्था में इनका विवाह काशी के रईस लाला गुलाब राय की पुत्री मन्ना देवी स

17 अगस्त का इतिहास

  17 अगस्त के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं, जैसे कि: 1942: इंडिया गेट पर "क्विट इंडिया" आंदोलन की शुरुआत हुई, जिसमें भारतीयों ने ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी की मांग की थी. 1947: इंडिया का पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद हुआ. 1960: गणराज्य मोरिशस की स्थापना हुई. 1999: तब्लीगी जमात के नेता मौलाना इलियास कांडहलवी का निधन हुआ. 1945: बोम्बे (अब मुंबई) में राजकुमारी अमृत कौर और राजकुमार शिखरचंद्र की शादी हुई थी। 1978: अफ़ग़ानिस्तान में सरकारी परिवर्तन हुआ और प्रेसिडेंट दौद ख़ान की हत्या हो गई। 2004: इंडियन ओशन रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की उपग्रह "EDUSAT" का सफल लॉन्च हुआ, जो शिक्षा क्षेत्र में उपयोग के लिए था। 2017: स्पेन के बार्सिलोना शहर में एक आतंकी हमले में कई लोगों की मौके पर मौत हुई और कई लोग घायल हुए।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम: महत्वपूर्ण घटनाएं और संघर्ष

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भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले कई वीर और शहीद हुए हैं। कुछ महत्वपूर्ण नाम इनमें शामिल हैं: महात्मा गांधी: गांधीजी ने असहमति और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित करके भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नेतृत्व किया। सुभाष चंद्र बोस: सुभाष चंद्र बोस ने नेताजी के रूप में महात्मा गांधी की नेतृत्व से अलग होकर भारतीय राष्ट्रीय सेना की स्थापना की और आजादी की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु: ये तीन युवा वीर आजादी संग्राम के प्रमुख संघर्षक थे जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया और अपनी जान दे दी। चंद्रशेखर आजाद: आजादी संग्राम के एक प्रमुख नेता और शहीद थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया। राणी लक्ष्मीबाई: झांसी की रानी ने 1857 की क्रांति में अपनी वीरता और संघर्षशीलता का प्रदर्शन करके ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ा। भगत सिंह: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु कोलकाता में दांव पर कढ़ा दिया गया था और उन्होंने दिल्ली के सांदर्भिक सचिवालय में बम फेंककर वीरगति प्राप्त की। ये केवल कुछ उदाहरण हैं, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में और भी

राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में न करे गलती

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  ध्वज संहिता अधिनियम के अनुसार निम्नलिखित कृत्य राष्ट्रध्वज के सम्मान में कमी अथवा अपमान की श्रेणी में आते हैं-  • किसी व्यक्ति अथवा वस्तु को सलामी देने के लिए ध्वज झुकाना । राजकीय शोक के अलावा इसे ध्वजदंड की आधी ऊंचाई पर फहराना ।  • राष्ट्रध्वज को पोशाक के रूप में पहनना अथवा कुशन, रूमाल, नैपकिन या किसी भी कपड़े पर छापना-काढ़ना ।  • राष्ट्रध्वज में फूलों के अलावा कोई भी वस्तु सामग्री रखना, बांधना अथवा लपेटना ।  ● किसी भी किस्म के वाहन, नाव, विमान अथवा ट्रेन, इमारत को राष्ट्रध्वज से ढकना ।  • एक ही ध्वजदंड में राष्ट्रध्वज के अतिरिक्त कोई और झंडा फहराना ।  • किसी अन्य झंडे अथवा प्रतीक को राष्ट्रध्वज से ऊपर फहराना अथवा रखना ।  • कटे-फटे, घिसे अथवा अस्पष्ट रंग वाले राष्ट्रध्वज को फहराना।  • किसी सभा में राष्ट्रध्वज को इस प्रकार फहराना चाहिए कि यह जनता को संबोधित कर रहे वक्ता की दाहिनी तरफ अथवा पीछे की ओर हो ।        

क्रीडा ज्ञान परीक्षा registration

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अगर आप भी क्रीड़ा भारती एगम रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं। तो इस पोस्ट को पूरा पढ़िए। परीक्षा की तारीख 11 सितंबर 2022 है और समय सुबह 10:00 बजे है। क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा मोबाइल, कंप्यूटर व टैबलेट पर ऑनलाइन माध्यम से दी जाएगी।  12 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति परीक्षा में भाग ले सकता है परंतु पुरस्कार केवल 12 से 25 वर्ष की आयु वाले छात्रों को दिया जाएगा। क्रीडा ज्ञान परीक्षा के पाठ्यक्रम में खेल एवं खिलाड़ीयों से संबंधित प्रश्न आएंगे। पाठ्यक्रम में स्वदेशी खेलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा शुल्क – मात्र 20 रुपये( क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा खेलों की जानकारी बढ़ाने के लिए ऑनलाइन परीक्षा है )   शुल्क देने का माध्यम अगर उम्मीदवार किसी कारण ऑनलाइन माध्यम से हमसे नहीं जुड़ पाता है तो क्रीड़ा भारती के द्वारा अधिकृत कार्यकर्ता को परीक्षा शुल्क राशि देकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। परीक्षा के विषय में अहम जानकारी – परीक्षा शुल्क जमा करने और पंजीकरण कराने के बाद परीक्षा तिथि के दिन उम्मीदवारों को एक लिंक दिया जाएगा, जिसके खुलने पर 60 प्रश्नों का जवाब उन्हें 30 मिनट

फ्री में डाउनलोड करें एनसीआरटी ई बुक्स कक्षा 1 से 12 तक की सभी बुक्स।

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अगर आप भी एनसीईआरटी बुक्स को फ्री में डाउनलोड करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंतिम तक जरूर पढ़ें। आप लोग एनसीईआरटी की बुक्स को फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। चाहे वह किसी भी सब्जेक्ट की बुक हो। एनसीईआरटी बुक्स को डाउनलोड करने का पूरा तरीका यहां नीचे दिया बताया जा रहा है। अभी इस तरीके का इस्तेमाल करके एनसीआरटी बुक्स को फ्री में डाउनलोड कर पाएंगे।  एनसीईआरटी बुक्स को आप लोग पीडीएफ में डाउनलोड कर पाएंगे।  __________________________________________ एनसीईआरटी बुक्स को डाउनलोड करने के लिए आपको upmsp वेबसाइट पर जाना होगा । और वहां पर NCERT E-book Of class 1to 12 वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।  इसके बाद आपको PDF (I-XII)  पर क्लिक करना होगा।  अब आप अपने बुक का प्रकाशन सिलेक्ट करके अपनी बुक को डाउनलोड कर सकते हैं।

Instagram story quiz winners

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इंस्टाग्राम स्टोरी क्विज के विनर्स की लिस्ट नीचे दी गई है। Questions टेलीविजन का अविष्कार किसने किया? Answer जाँन लोगि बेयर्ड । Instagram story quiz winners अगर आप भी इस लिस्ट में आना चाहते हैं तो आज हमारे इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें स्टोरी पूछे गए सवालों के सही जवाब पर क्लिक करें। हमें इंस्टाग्राम पेज पर फॉलो करने के लिए नीचे क्लिक करें ⬇️ Fallow आज का कुछ खेलने के लिए नीचे क्लिक करें। ⬇️ Quiz बहुत जल्द आप वेबसाइट पर भी कुछ खेल सकेंगे।