गणेश जी के अवतारों के बारे में पढ़ें

 देशभर में इस समय गणेश उत्सव की धूम है। विष्णु जी और शिव जी की तरह ही भगवान गणेश ने भी अलग-अलग असुरों को खत्म करने के लिए कई अवतार लिए थे। जनिए गणेश जी के अवतार और उनसे जुड़ी खास बातें आज के इस आर्टिकल में पढ़ेंगे।



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गणेश जी की अवतारों के बारे में

महोदर अवतार

मोहासुर नाम का एक राक्षस था जिसने देवताओं को पराजित कर दिया था और स्वर्ग लोक पर अपना अधिकार जमा लिया था । तब सभी देवता उसे अक्षर से परेशान होकर गणेश जी के पास पहुंचे गणेश जी ने उसे रक्षा का वध करने के लिए महोदय अवतार धारण किया।

वक्रतुंड अवतार

मत्सरासुर नाम का रक्षा भगवान शिव का परम भक्त था। इस राक्षस ने अपने पुत्रों  सुंदरप्रिय और विषयप्रिय के साथ मिलकर देवताओं को राजित कर दिया फिर विघ्नहर्ता गणेश जी ने वक्रतुंड अवतार धारण करके मत्सरासुर और और उसके पुत्रों का वध किया।

एकदंत अवतार

जब मद नाम के राक्षस ने आतंक मचाया तो गणेश जी ने एक दांत अवतार धारण किया और उसे मद नाम के रक्षा का वध किया।

विकट अवतार 

इस अवतार में गणेश जी मोर पर विराजित हैं।

कामासुर दैत्य  वध करने के लिए विकट गणेश जी ने विकट अवतार धारण किया।

गजानन अवतार

गजानन अवतार को धारण करके गणेश जी ने लोभा सुरनाम के रक्षा का वध किया था।

लंबोदर अवतार

क्रोधासुर नाम के रक्षा का वध करने के लिए गणेश जी लंबोदर अवतार धारण किया था।

धूम्रवर्ण अवतार 

अहंतासुर को खत्म करने के लिए गणेश जी ने धूम्रवर्ण अवतार धारण किया था। इस अवतार में गणेश जी का रंग धुएं जैसा था।

विघ्रराज अवतार

ममासुर और नाम के रक्षा का वध करने के लिए गणेश जी ने इस अवतार को धारण किया था।



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