वसुदेवकुटुम्बकम का पूरा श्लोक अर्थ सहित।
वसुदधैव कुटुंबकम किस उपनिषद से लिया गया है?
यह श्लोक महा उपनिषद से लिया गया है यह उपनिषद् के छठे अध्याय 74वें शोक में आता है यह उपनिषद् ऋग्वेद से जुड़ा है
वसुदेव कुटुंबकम का पूरा श्लोक और इसका भावार्थ।
अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदार चरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम् ।।
भावार्थ :- यह मेरा है, या पराया है, इस प्रकार की गणना लघु चरित्र वाले लोग करते हैं उधर चरित्र वाले मनुष्य के लिए तो पूरी पृथ्वी ही कुटुंब है अर्थात परिवार है।
शब्दकोश
अयं — यह
निज: — अपना
परो वा — या पराया
गणना — गिणती
लघुचेतसाम् — छोटे दिल वालों की
उदारचरितानाम् — उदार , बड़े , महान दिल वालों के
वसुधैव — पृथ्वी ही
कुटुंबकम् — परिवार
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