प्रत्यास्थता हुक का नियम प्रत्याशी के नियम को समझने में मदद करता है । हमारे आसपास कई सारी ऐसी वस्तुएं उपलब्ध हैं। जो बल लगाने पर विकसित होती हैं और पुनः बाल हटाने पर अपनी पूर्व अवस्था में आ जाती हैं इन्हें प्रत्यास्थता कहते हैं। हुक का नियम हुक नियमानुसार जब किसी प्रत्यास्थ वस्तु पर बल लगाया जाता है, तो उसमे विकृति उत्पन्न होती है , विकृति बल के समानुपाती होती है, अर्थात बल जितना अधिक होगा विकृति उतनी अधिक होगी। परिभाषा किसी प्रत्यास्थवस्तु की लंबाई में परिवर्तन उसे पर आरोपित बल के समानुपातीहोत है। हक का नियम प्रत्यास्थता गुणांक को प्रदर्शित करता है। F =Kx यह हुक के नियम का सूत्र है। यह नियम अंग्रेजी वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने सन 1679 में बताया था यह नियम भौतिकी में आधारभूत सिद्धांत हैं जो प्रत्यास्था वस्तुओं को समझने में भूमिका निभाता है। गणितीय रूप = F =Kx जहां पर F =वस्तु पर लगाया गया बल (न्यूटन में) K= वस्तु पर प्रत्यास्था गुणांक (न्यूटन/मीटर) x=वस्तु में विकृति (मीटर में) हुक के नियम के अनुप्रयोग स्प्रिंग स्प्रिंग में उत्पन्न विकृत उसे पर लगाए गए बाल के...
भगवान विष्णु के कमलनयन कहे जाने की कथा "कमलनयन " शब्द का उपयोग भगवान श्रीकृष्ण के विविध संस्कृतिक और धार्मिक अभिवादनों में किया जाता है। यह शब्द उनके आदर्शवान और सुंदर आँखों की स्तुति के रूप में प्रयुक्त होता है। यह शब्द उनकी आंखों की सुंदरता, माधुर्य और शक्ति को संकेतित करता है।भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिव्य और चमत्कारी था, और उनकी आँखों की सुंदरता और आकर्षण की कहानियां पुराने पौराणिक ग्रंथों में मिलती हैं। इन ग्रंथों में श्रीकृष्ण की आँखों को " कमलनयन " के रूप में वर्णित किया गया है, जिससे उनकी दिव्यता और माधुर्य का संकेत मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र, व्यक्तित्व और लीलाएं उनके भक्तों के बीच एक गहरे संबंध की बुनाई करती हैं, और उनकी आँखों की अत्यंत माधुर्य इस बात का प्रतीक होती है कि वे हमें आनंद, प्रेम और शांति की ओर ले जाने वाले दिव्य मार्ग के प्रतिष्ठान हैं।इस प्रकार, " कमलनयन " शब्द भगवान श्रीकृष्ण के सुंदर आँखों की महत्वपूर्ण विशेषता को दर्शाता है और उनके भक्तों के दिल में उनके प्रति भक्ति और स्नेह की भावना को उत्तेजित करता है। " श्री ह...
इस पोस्ट में भारतीय रेलवे से संबंधित कई सारे प्रश्न दिए गए हैं यह प्रश्न आपको किसी भी प्रकार की परीक्षा में अच्छेअंक दिला सकते हैं। भारतीय रेलवे से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उपक्रम है । विश्व रेलवे में इसका दूसरा और एशिया में पहला स्थान है । मार्च 2009 के आंकड़ों के अनुसार कुल भारतीय रेलवे लाइन 04.015 किमी. लम्बी है । भारत में सर्वप्रथम रेलगाड़ी 16 अप्रैल 1853 को बम्बई थाना के मध्य चली । वह दूरी 34 किमी. थी । स्वतंत्रता मिलने के बाद देश में रेलवे इंजन बनाने का पहला कारखाना चितरंजन में खोला गया । डीजल इंजन वाराणसी में बनते है । पैराम्बूर व कपूरथला में सवारी गाड़ी के डिब्बे बनाये जाते हैं भारतीय रेलवे के विभिन्न गेज इस प्रकार है : ब्रॉड गेज बड़ी लाइन (1.647 मीटर), मीटर गेज (1 मीटर), नैरो गेज-छोटी लाइन (0.762 मीटर)। भारतीय रेलवे से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन कौन सा है? उत्तर हबीगंज (भोपाल) भारत का पहला रेलवे स्टेशन कौन सा है...
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