विज्ञान पर निबंध

विज्ञान: वरदान अथवा अभिशाप निबंध।।

रूपरेखा-

जीवन में हर वस्तु के दो पहलू होते हैं अच्छा बुरा सुंदर सुंदर दिन-रात सर्दी गर्मी प्रथम चमत्कारी रूप से उपयोगी द्वितीय भयंकर रूप से विनाशकारी जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान ने पदार्पण किया है और मानव जीवन को सुख सुविधा स्वास्थ्य और सौंदर्य प्रदान किया है। दूसरी ओर अपने विनाशकारी स्वरूप की झलक भी दिखाइए है।

विज्ञान के अनूठे चमत्कार _

विज्ञान में मनुष्य के दैनिक जीवन में फ्रिज टेलीविजन एयर कंडीशनर कूलर रेडियो सिनेमा हवाई जहाज ट्रेन बसी स्टर कार्य आदि अनगिनत उपहार दिए हैं। विज्ञान के इन उपकरणों के बिना आज सामान्य जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती फिक्स फोन से मोबाइल तक वीडियो से कंप्यूटर तक की यात्रा विज्ञान ने बड़ी शीघ्रता से पूरी की है आकाश में उड़ने के लिए अब पंछी बनने की कल्पना करना आउट ऑफ़ फैशन हो चुका है। आखिर विज्ञान ने वायुयन किसके लिए बनाया है। आपके शरीर के भीतर कौन सा रोग है यह पता लगाने के लिए विज्ञान ने एक्सरे से लेकर अल्ट्रासाउंड एम आर आई कांट स्टैंड की तकनीकें प्रस्तुत कर दी जाती हैं शल्य चिकित्सा अब आप के सुंदर होने का अनुमान भी पूरा करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी लेकर प्रस्तुत है आपके मनोरंजन के लिए वीडियो गेम डीवीडी पेन ड्राइव संगीत के सुरीले सैकड़ों प्रकार के साथ सेवा में सिर झुकाए खड़े घंटो का काम सेकंड में हुआ जाता है विज्ञान के कुशल प्रशिक्षित हाथ के हर पल आपकी सेवा में जुटे हैं।

विज्ञान के अभिशाप_

विज्ञान ने मनुष्य में असीमित शक्ति दे दी है किंतु वह या भूल गया कि मनुष्य के हृदय की दुर्भावना इसका दुरुपयोग भी कर सकती हैं ऐसा हो ही चुका है नागासाकी और हिरोशिमा पर गिराया गया एटम बम इसका प्रमाण है विज्ञान की इस आसुरी शक्ति ने लाखों लोगों को एक ही पल में स्वाहा कर दिया परमाणु बम के निर्माण के साथ ही सुंदर संसार को पलभर में ही नष्ट करने का आयोजन कर दिया गया मशीनों के निर्माण में शारीरिक परिश्रम की महत्ता घटा दी है फल स्वरुप बेरोजगारी में वृद्धि हुई है बढ़ते हुए उद्योगों ने इतना प्रदूषण फैलाया है कि मनुष्य प्राकृतिक वातावरण के लिए तरस गया है सड़कों पर वाहनों का भारी शोर घरों से ऊंचे शुरू में टीवी रेडियो के चलने से ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है मुझसे अब आधुनिक विज्ञान द्वारा खोज निकाली गई हर सुविधा का उपयोग करने को ललचा उठा है फल स्वरुप उसकी आवश्यकता इतनी अधिक बढ़ गई है कि उसे निरंतर धन कमाने की चिंता लगी रहती है मनुष्य स्वयं एक यंत्र के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है वह समय ही तनाव के कारण वर्षा दिखने लगता है उसके पास ना स्वास्थ्य ना समय यह सब समस्या अप्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से इस वैज्ञानिक प्रगति से जुड़ी हैं।

विज्ञान का सदुपयोग_

निपुण ढंग से उपयोग करने पर विज्ञान अत्यंत उपयोगी साथ ही सिद्ध होता है हमें चाहिए कि वैज्ञानिक साधनों का प्रयोग अवश्य करें किंतु उनके गुलाम ना बने उदाहरण के लिए केलकुलेटर हजारों लाखों की गणना चुटकियों में कर देता है किंतु हमें स्वयं की स्वयं भी गणित का अच्छा अभ्यास होना चाहिए ताकि हमें हर समय उसी का आश्रम न लेना पड़े कार की सेवा का उपयोग करते समय हमें पैदल चलने की आदत छोड़ देने की कल्पना नहीं करनी चाहिए विज्ञान ने जिस समय की बचत की है उसे हम वक्त की गपशप में व्यर्थ ना करें बल्कि अच्छी पुस्तकों के पठन पाठन तथा आत्मिक मानसिक उन्नति में लगाएं जिन साथियों का पद से पहले उनको पर एक सीमा तक अंकुश लगाना चाहिए।

उपसंहार_

रामधारी दिनकर सिंह ने लिखा था_

सावधान मनुष्य! यदि विज्ञान है तलवार,

तो इसे टच दे तू मोहे स्मृति के पार।

निश्चय ही प्रमाण विनाश की घटना मनुष्य को सावधान करती है यदि विज्ञान का दुरुपयोग होता है तो वह अत्यंत विनाशकारी सिद्ध होता है था पहले मनुष्य को इसका सदुपयोग करना चाहिए तभी या एक वरदान सिद्ध होगा।

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