फ्रांस की क्रांति के कारण
1789 ईस्वी में फ्रांस में हुई क्रांति के द्वारा वहां ली वंश के शासन का अंत हुआ और वहां पर लोकतंत्र की स्थापना की गई। इस क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-
1. अयोग्य शासक
फ्रांस की क्रांति के दौरान वहां पर लुई वंश का शासन था जिसका शासक 16 था। वह एक अयोग्य हटी और दूरदर्शी तथा कर्तव्य इन शासक था। वह सुधारों का पक्षधर नहीं अपितु निरंकुशता को बनाए रखना चाहता था। इस कारण जनता उसकी विरोधी बन गई।
2. मध्यम वर्ग
यहां पर औद्योगिक क्रांति होने के कारण मध्यम वर्ग का उदय हो गया था जिसमें छोटे उद्योगपति वकील अध्यापक डॉक्टर और निम्न पदों पर कार्य करने वाले अधिकारी शामिल थे। यह वर्ग नए विचारों तथा राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत था और लोकतंत्र का पक्षधर था निरंकुश राजशाही का विरोधी था। अतः जब जनता ने राजशाही का विरोध किया तो इस वर्ग ने उसका पूर्ण समर्थन किया।
3. आम जनता की दयनीय स्थिति
इस समय शासक उच्च वर्ग तथा कुलीन वर्ग जहां विलासिता पूर्ण जीवन बिता रहे थे वहीं आम जनता की स्थिति बड़ी दयनीय थी और लोग रोजी रोटी को तरस रहे थे।
4. मजदूर वर्ग की दुर्दशा
इस समय फ्रांस में जो उद्योग स्थापित हुए थे उनमें मजदूरों के काम करने के लिए स्वास्थ्य वर्धक परिस्थितियां नहीं थी। ना तो इनके काम की घंटी निश्चित थी और ना ही इन्हें उचित वेतन मिलता था। अगर कोई मजदूर किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता था तो उद्योगपति द्वारा उसे मुआवजा नहीं दिया जाता था। इस कारण इस वर्ग में असंतोष था। अवसर मिलते ही या वर्ग कांति का पक्ष लेने लगा।
5. दार्शनिकों का प्रभाव
इस समय किस दार्शनिक वर्ग का उदय हुआ उसने जनता को प्रशासन की दुर्दशा न्याय व्यवस्था की कमियों व फ्रांसीसी समाज की बुराइयों से परिचित करवाया। उन्होंने जनता में क्रांतिकारी भावनाओं का संचार किया जिस वजह से जनता कांति करने के लिए अग्रसर हो गई।
6. आजादी पर प्रतिबंध
इस समय खांसी सी सरकार ने लोगों की आजादी पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगा रखे थे यहां तक कि उनके धार्मिक विश्वासों पर भी प्रतिबंध लगे हुए थे। फ्रांस में प्रोटेस्टैंड धर्मावलंबियों के साथ कुर्ता पुरवा किया जाता था। इस पर सरकार ने न्याय व आजादी की हेलो हेल ना करते हुए नेतृत्व काशी जारी करके स्थिति को और भयावह बना दिया जिससे जनता में असंतोष की भावना व्याप्त हो गई और वह कांति के पथ पर बढ़ गई।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न- फ्रांस स की क्रांति कब हुई?
उत्तर- 1789 ईस्वी में।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें