जल का महत्व क्या है? KP learning
दोस्तों आज हम जानेंगे जिले का महत्व क्या है? हम जल को व्यर्थ में ही इतना बर्बाद कर रहे हैं। पर इसके महत्व के बारे में जानने के बाद इस को बर्बाद करना छोड़ दोगे।
भूमण्डल में उपस्थित समस्त जीव-जन्तु एवं पौधों की संरचना में जल का अहम योगदान है। मनुष्य की शरीरिक रचना में 65 प्रतिशत जल होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 16 किग्रा वायु और 4.5 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। शरीर के अत्यन्त महत्वपूर्ण अवयव, जैसे- हृदय, मस्तिष्क आदि को पानी से बने द्रव का एक कवच संरक्षण प्राप्त रहता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों के बीच सम्पर्क बनाये रखता है। जल ही ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का वाहक है और शरीर के मलिन पदार्थों को पसीना, मल और मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर ले जाता है। अगर मनुष्य के शरीर में पानी की कमी आ जाए तो उसकी मृत्यु तक हो जाती है। अतः मानव जीवन में जल का अपना अलग ही महत्त्व है। जल का महत्त्व में प्रकृति में उत्पन्न होने वाली कोई भी वस्तु जल के बिना रह सके यह सम्भव नहीं, वृक्षों में 40 प्रतिशत तक पानी होता है। कुछ जलीय पौधों में तो जल की मात्रा 90 प्रतिशत तक होती है। जैसफिस समुद्री जीव में 95 प्रतिशत और ककड़ी तथा खीरा में 95 प्रतिशत जल की मात्रा होती है। जल हमें तीनों अवस्थाओं में प्राप्त होता है-ठोस-बर्फ के रूप में, द्रव-जल के रूप में तथा गैस- वाष्प के रूप में रहता है।
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