डराने वाली चीजों से आंखें चुराने का पता चला।

आपने गौर किया होगा कि लोग अक्सर फिल्म देखते वक्त डरावना दृश्य आने पर आंखें बंद कर लेते हैं। साथ ही खतरा सामने आने पर उससे आंखें चुराकर पीछे मुड़कर भागने पर मजबूर हो जाते हैं। इसका कारण 'जानने के लिए किए गए शोध में पता चला है कि एक खास तरह के न्यूरान के समूह की वजह से ऐसा होता है। क्यो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मक्खी के दिमाग पर अध्ययन में पाया कि ऐसी परिस्थिति में ये न्यूरान एक केमिकल टेकिनिन पैदा करती है। यह केमिकल डरावनी स्थिति से बचने के लिए मक्खियों की उड़ान को नियंत्रित करती है। बायोलाजिकल साइंस विभाग में कार्यरत और शोध से जुड़े मसातो त्सुजी ने कहा कि हमने एक न्योरोलाजी की प्रक्रिया का पता लगाया है, जिससे भय की स्थिति में क्या देखना है वह नियंत्रित होता है। इसमें 20 से 30 के करीब न्यूरान कार्य करते हैं। टीम ने खतरे वाले हालात पैदा करने के लिए प्रयोग के दौरान धुएं का इस्तेमाल किया। इस दौरान पाया गया कि मक्खियों ने इसे खतरा मानते हुए अपनी गति तेज कर दी थी। इस दौरान उन्होंने उस रास्ते को चुना जिसमें धुआं नहीं था। इसे और साफ तरीके से समझने के लिए शोधकर्ताओं ने कुछ मक्खियों में न्यूरान की प्रतिक्रिया में बदलाव कर दिया। उसके बाद उन्होंने भय की स्थिति में देखने के तरीके में बदलाव नहीं पाया। (आइएएनएस)

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