सविनय अवज्ञा आंदोलन ।

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सविनय अवज्ञा आंदोलन 
इस आंदोलन की शुरुआत सन 1930 में हुई।
इस आंदोलन के प्रमुख तीन कारण थे । पहला कारण था 1929 में व्याप्त महामंदी द्वारा बनी परिस्थितिया
दूसरा कारण गांधी जी की 11 मांगों को ब्रिटिश शासन द्वारा अस्वीकार कर देना।
तीसरा कारण साइमन कमीशन की असफलता
इस आंदोलन में महिलाओं की भूमिका
महिलाओं की भागीदारी
 इस आंदोलन की एक महत्वपूर्ण पहचान बने नमक सत्याग्रह के दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने गांधी जी को सुना तत्पश्चात उन्होंने जुलूस में शिरकत की कानून का उल्लंघन करके नमक बनाया साथ ही शराब कानून तथा विदेशी कपड़ों की दुकानों की घेराबंदी की।
मुस्लिम वर्ग की भागीदारी
मुस्लिम वृहद व्रत पैमाने पर आंदोलन में भाग नहीं लिया इसका मुख्य कारण था 1920 के दशक में मध्य से कांग्रेस की हिंदू धार्मिक राष्ट्रवादी संगठनों से निकटता।
गतिविधियां
गांधी जी के नेतृत्व में देश के विभिन्न भागों में बड़ी संख्या में लोगों ने नमक कानून का उल्लंघन किया 6 अप्रैल 1930 को गांधी जी ने स्वयं भी नमक कानून का उल्लंघन। किया और 6 अप्रैल 1930 को गांधी जी ने स्वयं समुद्री जल को उबालकर नमक बनाया । व्यापक रूप से सरकारी नमक के कारखाने के सामने विरोध प्रदर्शन किए गए जब आंदोलन फैला तो विदेशी कपड़ों की तथा शराब खानों की घेराबंदी की जाने लगी गांव में तैनात कर्मचारियों ने अपनी-अपनी नौकरियां छोड़ दी वहीं किसानों ने लगन व चौकीदारी कर देने से मना' कर 'दिया विभिन्न स्थानों पर जंगल में रहने वाले लोगों ने वन कानून को दाग पर रखकर लकड़कियाँ बनने के लिए तथा अपने मवेशियों को चराने के लिए आरक्षित वनों में घुसपैठ प्रारंभ।
आंदोलन की वापसी
सन 1931 मैं गांधी जी के गांधी इरविन समझौते पर हस्ताक्षर के बाद यह आंदोलन वापस ले लिया गया।

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