बसंत पंचमी की पूजन विधि बसंत और पंचमी का महत्व और ?
बसंत पंचमी का त्यौहार वसंत श्रुतु के आगमन का प्रतीक है। वसंत ऋतु की आगमन से पेड़ों में नहीं पत्तियां आती हैं और पुष्प खिलते हैं।
- उदया तिथि के अनुसार 14 फरवरी 2024 को बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी देवी मां सरस्वती का जन्म उत्सव सरस्वती देवी ज्ञान और कल की देवी है ।
बसंत पंचमी के दिन नया कार्य आरंभ करना शुभ होता है।
इस दिन देवी मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान बुद्धि और विद्या प्राप्त होती है।
बसंत पंचमी की पूजन विधि
बसंत पंचमी की पूजा में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग होता है।
- मां सरस्वती की प्रतिमा
- पीले वस्त्र
- चंदन
- पुष्प
- दीपक
- नैवेद्य
- हल्दी
- कुमकुम
- बल
- पानी
- सुपारी
- दक्षिणा
- पेन पेंसिल किताबें
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करके मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
- मां सरस्वती को पीले वस्त्र अर्पित करें।
- चंदन, फूल, दीपक, नैवेद्य, हल्दी, कुमकुम, फल, पान, सुपारी आदि अर्पित करें।
- मां सरस्वती का ध्यान करें और आरती करें।
- मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें।
- विद्या और ज्ञान प्राप्ति की प्रार्थना करें।
- दक्षिणा अर्पित करें।
Amit
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